I wrote the following in September. Sometimes, I feel I will forget the art of writing couplets because I am not writing at all this year. I strongly believe you have to practice to hone your craft. And I am not doing that. Perhaps I schedule a time to write a poem. Or I need better time management skills. Date Published 09/05/2023 मुझे उसके जाने का इतना अफ़सोस नहीं हुआ जितना इस बात का कि इतने सालों तक उसे रहने ही क्यों दिया Love, Saru
Last year blessed me, He walked silently into my life. It was Love, That took me in its stride. One evening we walked holding hands, Then, I told him what I felt in heart. He said we were one soul, Who were living in parts. To bring the parts together, We fought with the world and tied the knot. Being one soul, Gave life a whole new spot. Chirping birds, floating clouds, Nature conspired for us. Always swimming against the tide, Life was in an adrenaline rush. This year cursed me, He walked silently out of my life. It was Death, That took him in its stride. Yesterday his soul was saying, Fearing memories will fade, he can’t move on. He will stay and admire me, Standing always by my side from dusk to dawn. Image Source - Here
फ़ुर्सत में मिलना मुझसे यूँ दो चार घंटे के लिए नहीं सिर्फ़ हाल चाल नहीं पूछना बातें करनी है तुमसे कई देखना है तुम्हें एक टक शिकवे करने है तुमसे कई हज़ार जब नाराज़ हुए थे तुम मुझसे और जब छेड़ा था मुझे बीच बाज़ार चवन्नी-अठन्नी सा ढोंग मत करना मान लेना मेरे हर कहे को सुबकियाँ से काम मत चलाना बेहने देना ग़र आँसू बेहे तो सख़्त होने का दिखावा छोड़ आना नुक्कड़ वाले बनिये की दुकान पे सिद्दत से एक बार बोल देना कि गलती होती है इंसान से तुम मुझे छोड़ गए उसका तुम्हें कभी अफ़सोस हुआ है क्या मैं नहीं तुमसे पूछूँगी कि मेरे बाद मेरी तरह किसी को छुआ है क्या ना मैं इस युग की मीरा हूँ ना हो तुम मेरे घनश्याम बस इश्क़ है तुमसे बेपन्नह मुझे बाक़ी सब कुछ है मुझमें आम तुम भी सोचते होगे ना यह तीली सा इश्क़, ज्वालामुखी कब हुआ यूँ समझ लो तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारे ख़याल ने दिन में 100 बार मुझे छुआ अब गणित में तो तुम अव्वल हो हिसाब लगा ही लोगे पर सोच के आना जनाब पिछले 15 सालों का हिसाब कैसे दोगे तो आना बस फ़ुरसत में यूँ दो चार घंटे के लिए नहीं सिर्फ़ हाल चाल नहीं पूछना बातें करनी है तुमसे कई