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Rewind - September 2022

After a break of many months, I have started writing and posting regularly. And it feels good. I wrote a Hindi poem this week. You can read it here . I wrote the following in September: Date Published 09/06/2022 इश्क़ तो शायद किया भी हो भरोसा किया हुए ज़माना हो गया 09/07/2022 उम्र के साथ दिखना चाहे कम हो जाए पर लोगों के दिखावे साफ़-साफ़ नज़र आने लगते है 09/13/2022 वक्त की ठोकरों ने बस ये समझाया कौन जग में अपना और कौन पराया परेशान होते है लोग आज कल इस बात पे  कि दूसरे इतने खुश क्यूँ है 09/20/2022 रूह से रूह मिलने की बात करता था वो  पर एक मुश्किल आते ही उसने काँधा झटक लिया 09//25/2022 तुझसे दूर जाने की कोशिश जितनी मर्ज़ी कर लूँ  पर ज़िन्दगी तेरे बिना आगे बढ़ती ही नहीं  Tujhse door jaane ki koshish jitni marzi kar lun Par zindagi tere bina aage badhti hi nahin

वो 90 के दशक की आशिक़ी

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  वो पीले फूलों का बाग़ वो हल्के रंगो की शाम  तुम वही मिलना मुझसे  जिस मोड़ पे आख़िरी बार लिया था मेरा नाम इत्तेफ़ाक़ से मिले थे हम और शिद्दत से निभाया था हमने प्यार कहाँ वो 90 के दशक की आशिक़ी और कहाँ आजकल का हैशटेग-वैशटेग सा व्यापार दिन गुज़ारे थे साथ हमने  बांधा था सपनों का संसार कब सोचा था मैंने कि मैं रह जाऊँगी दिल्ली में और तुम बस जाओगे सात समुंदर पार  सुना है वहाँ बर्फ गिरती है खूब  लोग वहाँ चाय कम कॉफ़ी ज़्यादा पीते हैं  और यहाँ चाय की हर एक चुस्की पे जनाब कॉलेज के दिनों को हम लाखों बार जीते हैं  बहुत उधेड़ बून करती हूँ मैं बहुत सोचती हूँ तुम्हारे बारे में  तुम काफ़ी आगे बढ़ गाये और मैं रह गई किनारे पे  खनक आज भी है  तेरी मद्धम सी आवाज़ की ज़िंदा मेरी बचकानी बातों पे  तुमने नहीं किया था मुझे कभी शर्मिंदा  रेत से थे तुम  तुम्हें मुट्ठी में बांध नहीं पाई कहाँ सागर, कहाँ साहिल  और ये हज़ार मीलों की जुदाई सुना है तुम दिसंबर में आ रहे हो हर बार की तरह 4 हफ़्ते के लिए तुम हमेशा लाते हो महंगे तोहफे  और मैंने तुम्हे सिर्फ ताने ही दिए  क्या कोई नाम है इस रिश्ते का  क्या कोई हक़ है मेरा

Rewind - August 2022

I have not been very productive for a month now. But I am having a good time with my nephew. It's fun and insightful to watch a baby grow. There is so much adults can learn from them. I wrote only 2 couplets in August. Date Published 08/17/2022 वक़्त बदलते ही जो बदल जाए  ऐसे दोस्तों को बदल देना चाहिए  08/30/2022 कितना बड़ा धोखा मिला होगा उसे कि वो इश्क़ के नाम पे तिलमिला जाता है Hoping September will be a hell lot productive in terms of creative writing. Love, Saru